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छोटे किसानों के लिए लाखों कमाने का सुनहरा मौका,कम ज़मीन में ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती

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American Kesar ki Kheti:आज के समय में खेती सिर्फ अनाज तक सीमित नहीं रही, बल्कि किसान अब मुनाफे की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसी ही एक खेती है – American Kesar की। भारत में इसे केसर या ज़ाफरान के नाम से जाना जाता है, लेकिन पारंपरिक कश्मीर केसर की तुलना में अमेरिकन केसर की खेती करना आसान और ज्यादा फायदेमंद साबित हो रही है। खास बात ये है कि इसे कम ज़मीन में भी उगाया जा सकता है और इसकी मांग देश-विदेश में बनी रहती है।

क्या होती है American Kesar और क्यों है खास?

American Kesar असल में Saffron Crocus प्रजाति का एक प्रकार है, जो खास तौर पर टिशू कल्चर या बल्ब के जरिए उगाई जाती है। यह फूलों के बीच के लाल रंग के रेशे (Stigma) होते हैं, जिन्हें सुखाकर केसर बनाया जाता है। इसका उपयोग मिठाइयों, दवाओं, कॉस्मेटिक्स और आयुर्वेदिक उत्पादों में बड़े पैमाने पर होता है। इसकी कीमत बाज़ार में ₹2 से ₹3 लाख प्रति किलो तक जाती है, जिससे यह किसानों के लिए बेहद लाभदायक फसल बन जाती है।

American Kesar की खेती कैसे करें?

अमेरिकन केसर की खेती के लिए ठंडी और सूखी जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है, हालांकि अब इसे ग्रीन हाउस या पॉलीहाउस में भी आसानी से उगाया जा सकता है। इसके बल्ब (Corms) अगस्त-सितंबर में लगाए जाते हैं और नवंबर-दिसंबर तक फूल आ जाते हैं। हर पौधे से 2-3 फूल मिलते हैं और हजारों पौधों से अच्छी पैदावार ली जा सकती है। मिट्टी की उपजाऊ क्षमता, जल निकासी और साफ-सफाई का इसमें खास ध्यान देना होता है।

लागत और मुनाफा कितना है?

अगर आप 100 वर्ग मीटर में अमेरिकन केसर की खेती करते हैं, तो करीब ₹1 से ₹1.5 लाख की शुरुआती लागत आती है, जिसमें बल्ब, ग्रीनहाउस ढांचा और बेसिक उपकरण शामिल होते हैं। लेकिन एक बार बल्ब लगाने के बाद ये 3-4 साल तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं। अगर देखरेख अच्छी हो, तो आप पहले साल से ही ₹4 से ₹6 लाख तक की कमाई कर सकते हैं। यही वजह है कि देश के कई राज्यों में किसान इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।

सरकार की मदद और ट्रेनिंग सुविधाएं

खेती में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार और कृषि विभाग भी अमेरिकन केसर की खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं। कई राज्यों में ट्रेनिंग प्रोग्राम, सब्सिडी और तकनीकी सहायता भी दी जा रही है। कुछ निजी कंपनियां बल्ब बेचने के साथ-साथ पूरा मार्गदर्शन भी दे रही हैं। सोशल मीडिया और यूट्यूब के ज़रिए कई किसानों ने इसकी जानकारी पाई और अब लाखों कमा रहे हैं।

Kapilpatidar

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