अगर आप सोच रहे हैं कि इस बार प्याज बेचकर अच्छा मुनाफा होगा, तो रुकिए… हालात बिल्कुल उलट हैं। प्याज के भावों में जबरदस्त गिरावट आई है, और मंडियों में किसानों को लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा है। मंदसौर जैसी बड़ी मंडियों में प्याज के ताजा भाव इतने कम हो गए हैं कि अब किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
भावों में गिरावट का असली झटका
कुछ दिन पहले तक जहां प्याज के भाव ₹1000 प्रति क्विंटल तक पहुंच रहे थे, वहां अब यह ₹500 के आसपास सिमट गया है। अच्छी क्वालिटी का प्याज भी ₹550 तक ही बिक रहा है, और लो क्वालिटी का प्याज ₹100 प्रति क्विंटल तक चला गया है। इतना ही नहीं, कुछ किसानों को प्याज बेचने पर किराया ज्यादा और भाव कम जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
मंदसौर मंडी का हाल
देश की प्रमुख मंडियों में से एक मंदसौर मंडी में आज के दिन प्याज के भाव कुछ इस प्रकार रहे:
– अधिकतम भाव: ₹550 प्रति क्विंटल (अच्छी क्वालिटी)
– न्यूनतम भाव: ₹100 प्रति क्विंटल (लो क्वालिटी)
– औसत भाव: ₹400 से ₹500 के बीच
किसानों की बढ़ती चिंता
जहां किसानों को प्याज उगाने में ₹600-₹800 प्रति क्विंटल तक की लागत आती है, वहां अब ₹400-₹500 का रेट मिलने से सीधा घाटा उठाना पड़ रहा है। कई किसान मंडी तक माल लाने का खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में प्याज किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं।
क्या है गिरावट की वजह?
– मंडियों में प्याज की अधिक आवक
– मांग की कमी
– बिचौलियों का नियंत्रण
– सरकारी हस्तक्षेप का अभाव
सरकार से उम्मीदें
किसानों की मांग है कि सरकार प्याज पर मूल्य समर्थन योजना (MSP) लागू करे या बफर स्टॉक खरीदारी शुरू करे ताकि भाव को स्थिर किया जा सके और उन्हें राहत मिल सके।