अगर आप परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल की तलाश में हैं, तो कीवी (Kiwi) की खेती आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकती है। कीवी फल की डिमांड आजकल बाजार में तेजी से बढ़ रही है, और इसकी कीमत भी अन्य फलों के मुकाबले काफी अधिक मिलती है। यही कारण है कि किसान अब इसकी खेती कर दोगुना से भी ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।
कीवी की खेती के फायदे
– कम पानी और देखभाल में अच्छी पैदावार
– बाजार में ₹300–₹600 प्रति किलो तक का भाव
– लंबे समय तक फल देने वाला पौधा
– जैविक खेती में भी बढ़िया विकल्प
जलवायु और मिट्टी की जरूरत
कीवी की खेती के लिए ठंडी और नम जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह फल ज्यादा गर्मी सहन नहीं कर पाता।
– तापमान: 10°C से 25°C के बीच
– मिट्टी: हल्की, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी
– pH लेवल: 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए
सही किस्में (Varieties)
भारत में मुख्य रूप से जो कीवी की किस्में लोकप्रिय हैं, वे हैं:
– Allison
– Hayward (सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली किस्म)
– Abbott
– Bruno
खेती की सही विधि
- रोपण का समय: कीवी के पौधे लगाने का सबसे सही समय फरवरी से मार्च के बीच होता है।
- पौधों की दूरी: पौधे को 4×4 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए।
- सिंचाई: 15-20 दिन में एक बार सिंचाई करें, लेकिन गर्मियों में पानी की मात्रा थोड़ी बढ़ा दें।
- सहारा देना जरूरी: कीवी बेल वाली फसल है, इसलिए ट्रेली सिस्टम या मजबूत बांस/लोहे की तारों से सहारा देना जरूरी होता है।
- खाद और जैविक उर्वरक: गोबर की खाद के साथ नीम की खली, वर्मी कम्पोस्ट और नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश का संतुलित उपयोग करें।
कीवी की फसल से आय
– एक एकड़ में लगभग 400–500 पौधे लगाए जा सकते हैं।
– तीसरे साल से फल मिलना शुरू हो जाता है।
– एक पौधा सालाना 20–30 किलो तक फल दे सकता है।
– बाजार भाव ₹300–₹600 प्रति किलो होने पर एक एकड़ से ₹10–15 लाख तक की कमाई संभव है।
बाजार और बिक्री
आप कीवी को मंडियों, सुपरमार्केट, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और लोकल फ्रूट सप्लायर्स को बेच सकते हैं। जैविक कीवी की मांग आजकल तेजी से बढ़ रही है, जिससे और भी ज्यादा प्रीमियम रेट मिल सकता है।
सरकारी सहायता
– बागवानी मिशन और राज्य सरकारें कीवी की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और तकनीकी सहायता भी देती हैं।
– आपको नजदीकी कृषि विभाग या किसान सेवा केंद्र से पूरी जानकारी मिल सकती है।